- स्टेबिन बेन से लेकर अरिजीत सिंह तक: 2024 के यादगार लव एंथम देने वाले सिंगर्स पर एक नज़र!
- अक्षय कुमार और गणेश आचार्य ने "पिंटू की पप्पी" फ़िल्म का किया ट्रेलर लॉन्च!
- Sonu Sood Graced the Second Edition of Starz of India Awards 2024 & Magzine Launch
- तृप्ति डिमरी और शाहिद कपूर पहली बार करेंगे स्क्रीन शेयर - विशाल भारद्वाज करेंगे फिल्म का निर्देशन
- बॉलीवुड की अभिनेत्रियाँ जिन्होंने सर्दियों के स्टाइल में कमाल कर दिया है
आर्थराइटिस में समय पर ले डॉक्टर की सलाह: डॉ. रावल
इंदौर. घुटनों के दर्द में अकसर घुटनों में अकडऩ, सूजन और गंभीर दर्द होता है. लगातार दर्द होने के कारण मरीज़ को कुछ कदम तक चलना भी मुष्किल हो जाता है और अगर इलाज न कराया जाएं तो कई मामलों में मरीज़ के लिए बिस्तर से उठना तक दूभर हो जाता है. इसलिए समय रहते डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए ताकि आर्थराइटिस को बढऩे से रोका जा सके.
यह कहना है मेंदाता मेडिसिटी के जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के कंस्लटेंट और आथ्र्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. अरविंद रावल का. मीडिया से चर्चा करते हुए आर्थराइटिस के बारे में डॉ. रावल ने बताया कि गंभीर आर्थराइटिस में रोगी के लिए चलना फिरना मुश्किल हो जाता है और तेज़ दर्द रहता है. इससे मरीज़ की जिंदगी बहुत ज्यादा प्रभावित होती है, ऐसे में क्षतिग्रस्त जोड़ों को बदलना ही बेहतर विकल्प रहता है. जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी में जोड़ के खराब भाग को हटाकर उस पर कृत्रिम इंप्लांट लगाया जाता है. नए इंप्लांट से दर्द में आराम मिलता है और जोड़ों की कार्यक्षमता सुचारू रूप से होती है. जर्मनी की ब्रीमन यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित स्टडी से सामना आया है कि घुटनों में ओस्टियोआथ्र्राइटिस से पीडि़त जिन लोगों ने टोटल नी रिप्लेसमेंट (टीकेआर) कराया है, उन्होंने सर्जरी कराने के बाद सालभर में खुद को ज्यादा सक्रिय महसूस किया है. यहां यह बताना भी बेहद महत्वपूर्ण है कि टीकेआर के बाद ज्यादातर मरीज़ शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय हुए है.
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
उन्होंने बताया कि वैसे तो कार्टिलेज के क्षतिग्रस्त के होने पर उसे दोबारा रिजनरेट नहीं किया जा सकता लेकिन आप अपनी जीवनशैली में बदलाव करके उसकी गति को रोक सकते है या धीमा कर सकते है. अगर आपका सारा दिन बैठने का काम है तो थोड़ी थोड़ी देर बाद चलें ताकि घुटनों में गतिशीलता बनी रहे. कसरत करना बहुत जरूरी है और यदि आप कसरत नहीं कर सकते तो दिन में कम से कम आधा घंटा सैर करें. महिलाएं लगातार हील वाले जूते पहनने से परहेज़ करें. विटामिन डी लेना बहुत जरूरी है, इसलिए सुबह की सुहानी धूप का मज़ा लें. हरी सब्जियां, दूध व दूध से जुड़े उत्पाद, राजमां, ब्रोकली, मूंगफली, बादाम, टूना मछली और फल इत्यादि को अपनी डाइट में शामिल करें.