जिला प्रशासन की संवेदनशीलता से गुमनाम कलाकार को मिला सहारा

कलेक्टर की पहल रंग लाई

इंदौर. कलेक्टर मनीष सिंह की संवेदनशीलता से एक कलाकार की ज़िंदगी फिर से सँवर रही है. आखिर प्रशासन के हाथ प्रभात जी तक पहुँच ही गए. कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर आज संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय श्रीमति शुचिता तिर्की ढूँढ़ते-ढूँढ़ते प्रभात चैटर्जी तक पहुँच ही गई. उन्हें सामाजिक न्याय विभाग के आश्रय स्थल तक ले आया गया है.

उम्मीद है कि प्रभात जी का जीवन अब बेसहारा नहीं रहेगा. आज सोशल मीडिया में तमाम दिन चले किस्सों से पता चलता है कि प्रभात जी की आर्केस्ट्रा का कितना क्रेज था. उनके चाहने वाले उनसे मिलने के लिए तरसते थे और आर्केस्ट्रा के लिए उन्हें एंगेज करना तो एक उपलब्धि होती थी.

उल्लेखनीय है कि कलेक्टर मनीष सिंह ने अकॉर्डियन प्लेयर प्रभात चैटर्जी के दुख भरे जीवन की जानकारी आज प्रकाश में आने पर इस मामले में संज्ञान लिया था. संवेदनशीलता दिखाते हुए कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि कलाकार प्रभात चैटर्जी की सुध प्रशासन लेगा. इंदौर के बेहद प्राचीन आर्केस्ट्रा चैटर्जी ग्रुप के संस्थापकों में से एक प्रभात चैटर्जी के कष्टमय जीवन की जानकारी उन्हें मिली है. प्रभात चैटर्जी एक प्रख्यात अकॉर्डियन प्लेयर रहें हैं। 1975 से तीन दशक तक उनके साज की आवाज़ इंदौर के साथ-साथ देश भी सुनता रहा है.

फिर से भरेंगे जीवन में रंग

कलेक्टर श्री सिंह ने कहा है कि इंदौर देवी अहिल्या की नगरी है. यहाँ न कोई अनाथ रहता है न ही कोई भूखा सोता है. हम इस कलाकार की ज़िंदगी फिर से सँवारेंगे और उनकी बेरंग ज़िंदगी में फिर से रंग भरने की कोशिश करेंगे.

कलेक्टर श्री सिंह ने सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों को त्वरित रूप से निर्देशित किया था कि वे प्रभात चैटर्जी तक जाएं और उनसे चर्चा करें। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया है कि श्री चैटर्जी से पूछा जाएगा और उनकी रज़ामंदी लेकर उन्हें बेहतर आश्रय स्थल में रखा जाएगा.

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