इंदौर में सर्वे कार्य होगा पुन: प्रारंभः संभागायुक्त

अभय प्रशाल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका की ट्रेनिंग संपन्न

इंदौर. इंदौर संभागायुक्त डॉक्टर पवन शर्मा के निर्देशानुसार इंदौर ज़िले में सर्वे कार्य पुन: प्रारंभ किया जा रहा है। इस बार भी जिले के संर्पूण क्षेत्र में प्रत्येक रहवासी का सर्वेक्षण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जून माह से अनलॉक के बाद शहर में कोरोना संक्रमण की स्थिति के बेहतर आंकलन के लिए यह सर्वे कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने लगातार सर्वे एवं फ़ॉलोअप कार्य किया है। एक बार पुनः सर्वे कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। जिसमें आंगनवाड़ी केंद्र के अनुसार वहां की कार्यकर्ता एवं सहायिका द्वारा सम्पूर्ण क्षेत्र का वृहद सर्वे किया जाएगा।

सर्वेक्षण के संबंध में आज यहां अभय प्रशाल में विशाल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण दो सत्रों में हुआ। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया कि इस बार इन्दौर कोविड-19 सर्वे एप में कुछ संशोधन किया गया है। हमारा उद्देश्य है कि सर्वे के दौरान एक भी सदस्य न छूटे।

उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके कारण इंदौर आज तुल्नात्मक रुप से बेहतर स्थिति में है। नए सर्वे से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर हमें कोविड-19 संदिग्धों को पहचानने में मदद मिलेगी। जिससे उनका समय पर इलाज शुरू किया जा सकेगा। साथ ही संक्रमण फैलने से भी रोका जा सकेगा। इस कार्य हेतु जिला प्रशासन का संपूर्ण अमला कमर कस के तैयार खड़ा है।

फ़ील्ड लेवल पर सर्वेलेंस डॉक्टर, एसडीएम तथा संबंधित परियोजना अधिकारी भी सतत् भ्रमण पर रहेंगे। सर्वे टीम द्वारा किए जा रहे कार्यों की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी। सर्वेक्षण कार्य का दैनिक रूप से अवलोकन किया जाएगा। जिसके लिए जिला पंचायत सीईओ श्री रोहन सक्सेना को कंट्रोल रूम का दायित्व सौंपा गया है।

इन 12 लक्षणों से होगी पहचान

ट्रेनिंग में बताया गया कि सर्वेक्षण हेतु 12 बिंदुओं पर समीक्षा की जाएगी। इन लक्षणों की जानकारी हाँ या नहीं के माध्यम से एप में फ़ीड की जाएगी। जिसके आधार पर सर्वेलेंस डॉक्टर द्वारा आगामी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इन 12 लक्षणों में बुखार एवं सर्दी खाँसी, साँस लेने में तक़लीफ़, डायबिटीज़, हाई बीपी, पुरानी साँस की बीमारी अथवा सीओपीडी, गर्भवती महिला, अस्थमा, ट्यूबरकुलोसिस, हृदय रोग, कैंसर, किडनी रोग एवं धात्री माता के कुल 12 बिंदु शामिल हैं।

एक सप्ताह बाद होगा फ़ॉलोअप राउंड प्रारंभ

कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया कि प्रत्येक घर के मुखिया सहित समस्त सदस्यों का सर्वेक्षण किया जाना है। सर्वेक्षण के दौरान एप में व्यक्ति का नाम, आयु, लिंग, मोबाइल नंबर, द्वितीयक संपर्क, पता एवं अन्य जानकारी भरी जाएगी। परिवार के एक सदस्य के जुड़ने के बाद मोबाइल एपलिकेशन में “सदस्य जोडे़ं” नाम का एक विकल्प आयेगा जिसके द्वारा अन्य सदस्यों से संबंधित जानकारी भरी जा सकेगी।

एक बार सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होने के पश्चात क़रीब एक सप्ताह बाद फ़ॉलो अप राउंड शुरू किए जाएंगे। जिनमें पुनः प्रत्येक परिवार के प्रत्येक सदस्य का फ़ॉलोअप सर्वे किया जाएगा। फ़ॉलोअप सर्वे में भी 12 लक्षणों को दोहराया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि, पूर्व में सर्वे किए जा चुकें व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण विकसित होने की दशा में वह पहचाना जा सके।

कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने निर्देश दिए कि, सर्वे टीम को फ़ील्ड स्तर पर किसी भी प्रकार की समस्या न आए इसके लिए टेक्निकल टीम सदैव उनसे संपर्क में रहेगी। उन्होंने बताया कि, आने वाला एक महीना इंदौर की स्थिति के आंकलन के हिसाब से अति महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।

यह आवश्यक है कि सर्वेक्षण अत्यंत बारीकी एवं तथ्यात्मकता के साथ किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही की गुंजाइश नहीं है। उन्होंने समस्त डीएम,  एसडीएम,  सीडीपीओ,  सुपरवाइज़र, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं डॉक्टर्स को भी निर्देश दिए कि वे सर्वेक्षण कार्य को पूर्ण गंभीरता के साथ करें।

 इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोहन सक्सेना, अपर कलेक्टर श्री अभय बेडेकर, अपर कलेक्टर श्री पवन जैन, सीएमएचओ डॉक्टर एम.पी. शर्मा, विभिन्न एसडीएम, तहसीलदार, परियोजना अधिकारी, सर्वेलेंस डॉक्टर्स, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका आदि उपस्थित थे।

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