- Over 50gw of solar installations in india are protected by socomec pv disconnect switches, driving sustainable growth
- Draft Karnataka Space Tech policy launched at Bengaluru Tech Summit
- एसर ने अहमदाबाद में अपने पहले मेगा स्टोर एसर प्लाज़ा की शुरूआत की
- Acer Opens Its First Mega Store, Acer Plaza, in Ahmedabad
- Few blockbusters in the last four or five years have been the worst films: Filmmaker R. Balki
महू में 50 करोड़ के राशन घोटाले का पर्दाफाश
जिला प्रशासन ने उजागर किया राशन माफिय़ा का गड़बड़झाला
इंदौर. इंदौर जिला प्रशासन द्वारा महू में लगभग 50 करोड़ रुपये के राशन घोटाले का पर्दाफ़ाश किया गया है. उक्त कार्रवाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा राशन माफिय़ा के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही के निर्देश के बाद की गई.
कलेक्टर मनीष सिंह ने महू में बताया कि इस संबंध में एफ़आइआर दर्ज की गई है और विस्तृत जाँच की जा रही है. इस राशन घोटाले के तार बालाघाट, मंडला और नीमच से भी जुड़े पाए गए हैं. प्राथमिक जाँच में व्यापारी मोहनलाल अग्रवाल और उसके सहयोगियों के नाम आए हैं. इसमें नागरिक आपूर्ति निगम के एक कर्मचारी की संलिप्तता भी पाई गई है.
इंदौर जिले के अनुभाग महू में शासन द्वारा गरीबों के उपयोग हेतु आवंटित राशन के वितरण में समय-समय पर शिकायतें प्राप्त हो रही थीं. 17 अगस्त को एक शिकायत के संबंध में मौके पर जाँच में पाया गया कि नागरिक आपूर्ति निगम के परिवहनकर्ता मोहनलाल अग्रवाल के पुत्र मोहित अग्रवाल के हर्षिल ट्रेडर्स स्थित गोदाम जोकि मण्डी प्रांगण में शासकीय वेअर हाउस से लगा है, में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के चावल के 600 से अधिक कट्टे पाये गये.
इन कट्टों के एवज में मोहनलाल अग्रवाल द्वारा जो बिल प्रस्तुत किये गये है जो कूटरचित पाये गये. कलेक्टर द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुये जांच दल गठित कर जाँच करवाई गई,जिसमें प्रथम दृष्टया यह तथ्य सामने आया कि नागरिक आपूर्ति निगम के परिवहनकर्ता मोहनलाल अग्रवाल द्वारा अपने सहयोगी व्यापारियों आयुष अग्रवाल, लोकेश अग्रवाल एवं शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालकों के साथ मिलकर शासन से प्राप्त सार्वजनिक वितरण प्रणाली के राशन की हेराफेरी की जाती थी.
दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
महू में शासकीय राशन की हेराफेरी में की गयी जाँच में पाये गये तथ्यों के आधार पर परिवहनकर्ता मोहनलाल अग्रवाल, उनके पुत्र मोहित एवं तरूण अग्रवाल, सहयोगी आयुष अग्रवाल, लोकेश अग्रवाल एवं सहयोगी 4 राशन दुकान संचालक तथा सोसायटी के प्रबंधक पर अब तक थाना किशनगंज एवं थाना बडगोंदा में एफआईआर दर्ज करायी गयी है.
राशन माफिय़ा के ख़िलाफ़ होगी रासुका की कार्यवाही
महू में आज जिस राशन माफिय़ा के घोटाले का पर्दाफ़ाश किया गया है उसके मुख्य आरोपी के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने राशन माफिय़ा के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत प्रकरण प्रस्तुत करने के निर्देश पुलिस विभाग को दिए हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गरीबों के निवाले छीनने वाले राशन माफिय़ा पर कड़ी वैधानिक कार्यवाही के निर्देश जिला प्रशासन को दिए थे।
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी मनीष सिंह ने बताया है कि महू में शासकीय राशन की हेराफेरी में की गयी जाँच में पाये गये तथ्यों के आधार पर परिवहनकर्ता मोहनलाल अग्रवाल, उनके पुत्र मोहित एवं तरूण अग्रवाल, सहयोगी आयुष अग्रवाल, लोकेश अग्रवाल एवं सहयोगी 4 राशन दुकान संचालक तथा सोसायटी के प्रबंधक पर अब तक थाना किशनगंज एवं थाना बडगोंदा में एफआईआर दर्ज करायी गयी है.
जाँच में पाया गया कि नागरिक आपूर्ति निगम का परिवहनकर्ता मोहनलाल अग्रवाल द्वारा उचित मूल्य की दुकानों को जो राशन भेजा जाता था, उनके पूर्ण बिलों पर प्राप्ति के हस्ताक्षर करा लिये जाते थे एवं राशन की दुकान पर पहुँचा हुये सामान में से लगभग 8-10 क्विंटल राशन वापस ले लिया जाता था जिसके एवज में राशन दुकान संचालकों को विशेष राशि मोहनलाल अग्रवाल के पुत्र तरूण द्वारा भुगतान की जाती थी।
दुकान संचालक लोगों को कम सामान देकर इसकी पूर्ति करते थे। जाँच में यह भी पाया गया कि शासकीय राशन के बौरे, जोकि सामान्यत: वेअर हाउस से सीलबंद भेजे जाते हैं, दुकानों पर खुले पाये गये। जाँच में शासकीय दुकानों पर पाये गये चावल शासन द्वारा आवंटित चावल से निम्न गुणवत्ता के पाये गये। दुकानों पर पाये गये चावल प्रथम दृष्टया देखने पर शासन से आवंटित चावलों में भिन्न एवं निम्न गुणवत्ता के पाये गये।
फर्जी बिल करते थे तैयार
राशन दुकानों से प्राप्त राशन को एकत्रित कर अपने सहयोगियों के माध्यम से फर्जी बिल तैयार कर एवं मण्डी से फर्जी अनुज्ञा तैयार कर या खराब माल को शासन से प्राप्त अच्छे माल से बदलकर एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर अथवा अपने सहयोगी व्यापारियों से तैयार करवाकर खुले बाजार में बेचा जाता था। मोहनलाल अग्रवाल द्वारा यह कार्य शासन द्वारा आवंटित केरोसिन के साथ भी किया जाता था। वह राशन दुकानों को केरोसिन कम मात्रा में वितरण कर एवं वितरण की पूर्णता कर शेष केरोसीन की हेराफेरी की जाती थी।
नीमच मंडला के व्यापारी के नाम भी आए सामने
मोहनलाल अग्रवाल एवं सहयोगी व्यापारी आयुष अग्रवाल की फर्म आयुष फूड के बिलों एवं लोकेश अग्रवाल की फर्म लोकेश कुमार शरदानंद के बिलों की जाँच किये जाने पर इनके द्वारा नीमच एवं मण्डला से भी व्यापारिक संव्यवहार का तथ्य सामने आया है। नीमच के जिस व्यापारी से इनके व्यापारी संबंध सामने आये हैं। उक्त व्यापारी के विरूद्ध भी शासकीय राशन की हेराफेरी करने की प्राथमिकी नीमच थाने में दर्ज की गयी है। इस प्रकार महू के शासकीय राशन की हेराफेरी के संबंध में नीमच, मण्डला एवं राज्य के अन्य जिलों में भी होने की संभावना है।
कर्मचारियों की संलिप्तता की भी होगी जांच
मोहनलाल अग्रवाल द्वारा अपने सहयोगियों के माध्यम से इस कार्य को संगठित अपराध के रूप में अंजाम दिया जाता था। इस शासकीय राशन की हेराफेरी बगैर इनसे जुड़े शासकीय विभागों जैसे नागरिक आपूर्ति निगम, कृषि उपज मण्डी, खाद्य विभाग के स्थानीय एवं जिला स्तर के कर्मचारियों के सहयोग के बिना संभव नहीं है। इसके लिये पुलिस को कर्मचारियों की संलिप्तता के संबंध में अनुसंधान कर उचित कार्यवाही के लिये लिखा गया है।