हमेशा हक पर कायम रहेंः सैयदना

दाउदी बाेहरा समाज के मोहर्रम की दस तारीख यौमे अाशुरा गुरुवार  (20सितंबर) को।
इंदौर। दाउदी बाेहरा समाज के मोहर्रम के अशरा मुबारका की दस तारीख यौमे आशुरा गुरुवार  ( 20 सितंबर ) को है। मोहर्रम की दस तारीख यौमे अाशुरा के दिन करबला में इमाम हुसैन व आपके 72 जानिसार साथियों की तीन दिन की भूख प्यास की हालत में शहादत हुई थी।
योमे आशुरा पर गुरूवार को समाज के धर्मगुरु सैयदना आली कदर मुफ्फद्दल सैफुददीन मौला सैफीनगर मस्जिद में इमाम हुसैन की शहादत व करबला की दास्तान पर वआज फरमाऐंगे।
समाज जनसंपर्क समिति के मीडिया प्रभारी मजहर हुसैन सेठजी वाला व बुरहानुददीन शकरुवाला ने बताया की योमे आशुरा पर समाजवासी करबला के तीन दिन के भूखे प्यासे इमाम हुसैन व आपके 72 जानिसार साथियों की भूख प्यास को याद कर दिन भर फाका रखेंगे। सुर्य उदय से कूछ समय पूर्व सेहरी कर फाका शुरू होगा। शाम को मगरिब की नमाज के बाद  इफ्तार होगा। यौमे आशुरा पर दिन भर वाअज होगी। अश्कबार आँखों या हुसैन या हुसैन की सदा के साथ पुरजोश मातम होगा।
 बुधवार को मोहर्रम के अशरा मुबारका की आठवी वाआज सैैैैफीनगर मस्जिद मे फरमाते हुऐ सैयदना आली कदर मुफ्फद्दल सैफुददीन मौला ने फरमाया की हमेशा हक पर कायम रहे। इमाम हुसैन की शहादत के गम को नम आँखों से याद करते रहे।
सैयदना साहेब ने 1से लेकर 52 धर्मगुरुओ के नाम लेते हुए उनकी शानात की जिक्र फरमाई। सैयदना साहेब ने इमाम हसन अ.स. की शानात की जिक्र करते हुए कहा की इमाम हसन पहले इमाम थे, आप सखावत के धनी थे।
सैयदना साहेब ने इमाम हसन व इमाम हुसैन की शहादत पढ़ी इस अवसर पर अश्क बार आँखो से पुरजोश मातम या हसन या हुसैन की सदा के साथ हुआ। सैयदना साहेब ने सभी की खुशहाली व सलामती के लिए दुआ फरमाई।

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