विकास को गति देने के लिए युवाओं को बनाना होगा सशक्त

विकास को गति देने के लिए युवाओं को बनाना होगा सशक्त

लॉकडाउन ने पिछले 18 महीनों से भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है और इसका स्पष्ट रूप से रोजगार पर असर पड़ा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के अनुमान के मुताबिक भारत में बेरोजगारी दर दिसंबर 2021 में बढ़कर 7.9 फीसदी हो गई, जबकि नवंबर में यह 7 फीसदी थी। भारत में कोविड के कारण नवंबर में छह मिलियन से अधिक वेतनभोगी लोगों ने अपनी नौकरी खो दी। यही नहीं भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग 5…

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2022 लेकर आ रहा है बुंदेलखंड के लिये नया सवेरा

2022 लेकर आ रहा है बुंदेलखंड के लिये नया सवेरा

अपनी तरह की प्रथम नदी जोड़ो’ केन-बेतवा’ परियोजना ने सूखे बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए काफ़ी उम्मीदें जगायी है, विशेषज्ञ और नागरिक इसे क्षेत्र के विका सके मद्दे नजर एक नई सुबह के रूप में देख रहे हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र में कुल 13 जिले हैं जिनमें से उत्तरप्रदेश में 7 जिले और मध्य प्रदेश में 6 जिले हैं। 2018 में प्रकाशित नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देश के 115 आकांक्षी जिलों की सूची में इनमे…

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कॉर्पोरेट में प्रोफेशनल लाइफ की बेहतरी के अलावा भी दिए जाने चाहिए कुछ संस्कार

कॉर्पोरेट में प्रोफेशनल लाइफ की बेहतरी के अलावा भी दिए जाने चाहिए कुछ संस्कार

कहते हैं परिवर्तन ही संसार का नियम है। जब हम पर्सनल लाइफ में बदलाव कर सकते हैं, तो प्रोफेशनल लाइफ में क्यों नहीं? ऐसा ही एक क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली संस्थाओं में, पीआर 24×7 ने अपना नाम शुमार किया है। हमेशा यही देखने में आया है कि कॉर्पोरेट्स में प्रोफेशनल लाइफ की बेहतरी को लेकर ही बात की जाती है, इसके लिए तमाम नियम बनाए जाते हैं, उनका पालन भी किया जाता है, और यह…

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“बड़प्पन की परम्परा (लघुकथा)”

“बड़प्पन की परम्परा (लघुकथा)”

डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका) पता नहीं पार्वती को कैसे हर किसी को माफ करना, छोटी-छोटी बातों पर ध्यान न देना, अपनी कटु आलोचना पर भी सहज रहना, ईश्वर की नियति को सहर्ष स्वीकार करना आता था। पार्वती को विवाह के पश्चात अनेक परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाना पड़ा। पति की संकीर्ण सोच, सास का तुनकमिजाज रवैय्या, ससुर की कठोर वाणी से भी पार्वती के चेहरे से मुस्कान कम नहीं हुई। परिस्थितियों के अनुकूल…

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“पढ़ाई और खेल के प्रति जुनून से मुझे अपनी बुनियाद मजबूत करने में मदद मिली है”- BUJY’S के छात्र रायमत सिंह

“पढ़ाई और खेल के प्रति जुनून से मुझे अपनी बुनियाद मजबूत करने में मदद मिली है”- BUJY’S के छात्र रायमत सिंह

पढ़ाई के साथ सही संतुलन बनाते हुए हासिल किया 4 अलग-अलग खेलों में उल्लेखनीय रिकॉर्ड इंदौर. इंदौर के रायमत सिंह कहते है कि “सीखना मेरा जूनून है। यह एक निरंतर प्रक्रिया है और पढाई के साथ-साथ पढ़ाई से अलग विभिन्न गतिविधियों की कोशिश करने से मुझे सही कदम उठाने में मदद मिलती है। BYJU’S छात्र और इंदौर के ‘खेल-प्रेमी’ रायमत “हर फन के खिलाड़ी और अनेक फन के उस्ताद’ वाली कहावत के प्रत्यक्ष प्रमाण है।…

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“अंध मातृ-पितृ भक्त बनने से बचे (लघुकथा)”

“अंध मातृ-पितृ भक्त बनने से बचे (लघुकथा)”

कहते है जीवन में साक्षात भगवान का स्वरूप माता-पिता होते है और यह सच भी है कि बच्चे के लालन-पालन में माता-पिता स्वयं ही खर्च हो जाते है। माता-पिता बनने के बाद उनकी केवल एक ही अभिलाषा रह जाती है कि मेरे बच्चे का कभी अहित न हो। भवानी को अपनी शिक्षा और इंटर्नशिप के कारण अपने गुरु के घर जाकर भी कभी-कभी अध्ययन में आने वाली परेशानियों के समाधान हेतु उनसे परामर्श लेना पड़ता…

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“ममता बनी आजीवन का बोझ”

“ममता बनी आजीवन का बोझ”

कच्ची उम्र में शादी के चलते कल्याणी गर्भधारण, गर्भावस्था के समय के देखरेख और पोषण, इन सभी महत्वपूर्ण बातों से अंजान थी। परिवार का मूल मंत्र था की लड़कियों का ब्याह जल्दी कर देना चाहिए। इसी के चलते कल्याणी का विवाह शंभू के साथ हो गया। कल्याणी तो अभी परिणय बंधन की जिम्मेदारियों को समझने में सक्षम भी नहीं थी पर वह पारिवारिक दबाव के कारण मातृत्व की सीढ़ी चढ़ने को अग्रसर हो गई थी।…

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आजादी के 75 साल बाद भारत में राजनैतिक पुर्नजागरण एवं सबसे बड़ा आश्चर्य देखने को मिलेगा

आजादी के 75 साल बाद भारत में राजनैतिक पुर्नजागरण एवं सबसे बड़ा आश्चर्य देखने को मिलेगा

भारत में मोदी के बाद कौन होगा, नवरात्रि के दौरान इसके उत्तर के साथ राजनैतिक पुर्नजागरण का नया दौर देखने को मिलेगा। स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के बाद आज भारत नए युग की नई चुनौतियों एवं नए अवसरों के दौर से गुजर रहा है। सर्वोच्च नेतृत्व भारतीय राजनीति व शासन के मामलों में नई ऊर्जा का संचार करने के लिए बागडोर युवा, ऊर्जावान एवं प्रभावशाली प्रत्याशियों को सौंपने के लिए एक नई रणनीति…

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खत्म होने की कगार पर एक युग- अतुल मलिकराम

खत्म होने की कगार पर एक युग- अतुल मलिकराम

कस्तूरी मृग की कस्तूरी के समान लालसा से परिपूर्ण जब मैं अतीत की खुशबू लेने बैठा, तो पाया कि रोज रात को दादी की लोरी सुनकर सोने के बाद सुबह आँख खुलते समय मम्मी के हाथ पर लेटा हुआ मैं और शायद हर बच्चा इसी सुकून भरे प्रश्न के साथ उठा करता था कि आखिर मैं यहाँ कैसे आया? खैर, पापा के हाथों से ब्रश करके और दो बिस्किट के साथ चाय पीकर दादाजी के…

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जेसीबी साहित्य पुरस्कार 2021- लॉन्ग लिस्ट की घोषणा

जेसीबी साहित्य पुरस्कार 2021- लॉन्ग लिस्ट की घोषणा

भारतीय लेखन के लिए सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों की लॉन्गंलिस्टा में इस वर्ष 6 नई एंट्री के साथ नवोदित लेखकों का दबदबा है। नई दिल्ली, 2021: जेसीबी साहित्य पुरस्कार 2021 की लॉन्ग लिस्टं की आज घोषणा कर दी गई है। पांच जजों के एक पैनल के जरिए 10 उपन्यासों की सूची का चयन किया गया था, जिसमें सारा राय (चेयर), लेखक और साहित्यिक अनुवादक; डॉ अन्नपूर्णा गरिमेला, डिजाइनर और कला इतिहासकार; शहनाज हबीब, लेखक और अनुवादक;…

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