हार्टफुलनेस मेडिटेशन सकारात्मक प्रेरणा को बढ़ाते हुए बदला लेने की ओर ले जाने वाली नकारात्मक प्रेरणाओं को कम करके युवाओं में हिंसक मनोभावों को कम करता है – एक अध्ययन

हैदराबाद, 27 अगस्त 2021: इंटरनेशनल जर्नल ऑफ करेंट रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार हार्टफुलनेस मेडिटेशन के हेल्प (HELP) प्रोग्राम का छात्रों की प्रेरणा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि सकारात्मक प्रेरणा (उदारता) पुरस्कारों की ओर और नकारात्मक प्रेरणा (बदला और बचाव) कष्टों की ओर ले जाती है। एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए छात्रों को सकारात्मक प्रेरणा विकसित करनी चाहिए। सहायता कार्यक्रम नकारात्मक प्रेरणाओं (बदला और बचाव) को काफी कम करता है और छात्रों के बीच सकारात्मक प्रेरणा (उदारता) विकसित करता है जिससे अंततः एक स्वस्थ और सकारात्मक पीढ़ी का विकास होता है।

बदला एक बहुत ही शक्तिशाली भावना है और इसका प्रभाव व्यक्ति के साथ-साथ समाज की भलाई के भी प्रतिकूल होता है। बदला ही साइबर उत्पीड़न का एक मुख्य कारण है, विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ, जो चिंता और गहरे अवसाद का कारण बनता है और पीड़ितों को आत्महत्या करने के लिए भी प्रेरित कर सकता है।

बदला लेने वाली मनोवृत्ति न केवल दूसरे व्यक्ति को, बल्कि ऐसा करने वाले को भी नुकसान पहुँचाती है। जिन लोगों में बदले की भावनाएँ होती हैं, वे अक्सर मनोवैज्ञानिक समस्याओं, जैसे अवसाद और असंतुष्टि के शिकार होते हैं। स्कूली छात्र अक्सर स्कूल में गोलीबारी, नरसंहार, गृह युद्ध के अत्याचार, हत्या-आत्महत्या, बलात्कार और उत्पीड़न आदि जैसे गंभीर अपराध करते हैं जो बदले की भावना से प्रेरित होते हैं।

साइबर सिविल राइट्स इनिशिएटिव (CCRI) के आंकड़ों से पता चला है कि बदला लेने की घटनाओं के पीड़ितों में से 93% ने महत्वपूर्ण भावनात्मक समस्याओं की सूचना दी, जबकि 82% ने सामाजिक, व्यावसायिक या कामकाज के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बड़ी हानि की सूचना दी। आधे से अधिक (51%) पीड़ितों ने संकेत दिया कि उन्होंने आत्महत्या करने पर भी विचार किया था। अपने व्यवसाय के संबंध में, उत्तरदाताओं में से 55% को डर था कि उनकी पेशेवर प्रतिष्ठा धूमिल होगी, जबकि 39% ने कहा कि अपराध ने वास्तव में उनके पेशेवर जीवन को प्रभावित किया। इसके अलावा भारत में हर साल करीब 300 एसिड अटैक की खबरें आती हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि आईटी हब ने पिछले साल 106 प्रतिशोधात्मक हत्याओं की सूचना दी थी।

एक अध्ययन

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ करंट रिसर्च में प्रकाशित एक लेख में अपोलो अस्पताल, श्री बालाजी मेडिकल कॉलेज, माधा मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च और चेन्नई के CIPACA इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च से लेखकों डॉ राजा अमरनाथ, डॉ जया प्रशांति, ऐश्वर्या रविचंद्रन, ज्ञानेश्वर दयाल सरीन, डॉ असुवती शिवसुब्रमण्यम, पूर्णिमा चिन्नादुरै और अंजलि बापट ने एक अध्ययन करके छात्रों के बीच ध्यान और सकारात्मक प्रेरणा के बीच तुलना की है।

यह अध्ययन CIPACA इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें आंध्र प्रदेश में जूनियर कॉलेज के छात्रों के बीच HELP कार्यक्रम के प्रभाव का आकलन करने का निर्णय लिया गया था। अध्ययन में भाग लेने वाले 4,038 छात्रों में से 3084 छात्रों को सांख्यिकीय विश्लेषण में शामिल किया गया था। इनमें 48.4% महिलाएँ और 51.6% पुरुष थे। उनमें से ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों से (59.4%) थे, इसके बाद शहरी (20.9%), उप-शहरी (10.3%) एवं मेट्रो से (9.4%) थे। संयुक्त परिवार (19%) की तुलना में एकल परिवारों (81%) से अधिक छात्र शामिल थे।

डॉ राजा अमरनाथ ने कहा: “बहुत कम शोधकर्ताओं ने बदला लेने की प्रेरणा को कम करने में ध्यान के लाभों का पता लगाया है। यह अध्ययन अपनी तरह का अकेला है।”

समुदाय तभी समृद्ध होगा जब प्रत्येक व्यक्ति से प्रतिशोध की भावना को मिटा दिया जाए। इस हिंसक मनोवृत्ति को कम उम्र से ही खत्म करना जरूरी है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए हमने हार्टफुलनेस मेडिटेशन के माध्यम से छात्रों में प्रतिशोधपूर्ण रवैये को कम करने पर एक शोध अध्ययन किया है।

हेल्प (HELP) कार्यक्रम: युवाओं को बदलने की क्षमता

HELP (हार्टफुलनेस एक्सपीरियंस लाइफ पोटेंशियल) आत्म-विकास और आंतरिक उत्कृष्टता के लिए हार्टफुलनेस के अभ्यासों के माध्यम से जीवन-कौशल और समग्र भलाई पर छात्रों के लिए एक पाठ्यक्रम है। यह स्कूल के वर्षों के दौरान सकारात्मक सामाजिक व्यवहार और सामाजिक संबंधों की प्रेरणा देता है, व्यवहार संबंधी समस्याओं और मनोवैज्ञानिक समस्याओं को कम करता है और युवाओं को कॉलेज, कार्यस्थल, परिवार और समाज में सफल होने के लिए तैयार करने में मदद करता है। देश के 10,000 सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों में दस लाख से अधिक छात्रों को यह कार्यक्रम निःशुल्क उपलब्ध कराया गया है। ये संस्थान इस कार्यक्रम का छात्रों की अपनी भावनाओं और मानसिक स्वास्थ्य को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करने के लिए उपयोग कर रहे हैं।

अध्ययन का उद्देश्य विभिन्न प्रेरणा स्तरों, जैसे उदारता की प्रेरणा (BM), प्रतिशोध प्रेरणा (RM) और बचाव प्रेरणा (AM) के स्तरों पर हार्टफुलनेस “HELP” कार्यक्रम के पूर्व और बाद के प्रभावों का निरीक्षण करना था।

परिणामों से पता चला कि छात्रों के आवासीय स्थान के आधार पर उपनगरीय क्षेत्रों के छात्रों के लिए उदारता प्रेरणा में एक महत्वपूर्ण सुधार हुआ था, जबकि अन्य क्षेत्रों से आने वाले छात्रों में सुधार तो दर्ज किया गया था, किन्तु यह नगण्य था। मेट्रो, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए बचाव की प्रेरणा (AM) का स्तर काफी कम हो गया। जबकि उपनगरीय क्षेत्रों के छात्रों में यह कमी नगण्य रही| प्रतिशोध प्रेरणा (RM) का स्तर हर स्तर के आवासीय स्थान के छात्रों का काफी कम हुआ|

अध्ययन में कहा गया है कि HELP कार्यक्रम ने लैंगिक असमानताओं के बावजूद छात्रों के बीच बदला और बचाव की प्रेरणा को काफी कम कर दिया है, जो संभवत: समाज में एक अपराध-मुक्त पीढ़ी के उदय में मदद करेगा। डॉ राजा अमरनाथ और उनकी टीम ने पाया कि ध्यान उत्पीड़न को कम करने में मदद करता है जो RM का एक परिणाम भी है।

ये निष्कर्ष छात्रों के समग्र विकास में मदद करने के लिए स्कूल के पाठ्यक्रम में HELP कार्यक्रम को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

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